जब तक हम अपनों के लिए जीते हैं
अपनों के चहेते बने रहते हैं
लेकिन जब अपने लिए जीना चाहते हैं
तो अपने ही रूठ जाते हैं
#KBExpress
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जब तक हम अपनों के लिए जीते हैं
अपनों के चहेते बने रहते हैं
लेकिन जब अपने लिए जीना चाहते हैं
तो अपने ही रूठ जाते हैं
#KBExpress
सच है
फितरत मिलते नही
बहुत बढ़िया
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